जानिए हिंदुस्तान के अंतिम गांव माणा के 5 रोचक बाते

जानिए हिंदुस्तान के अंतिम गांव माणा के 5 रोचक बाते

माणा गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर पर स्तिथ है| यह मान्यता है की इस गांव को भगवान् शिव का आशीर्वाद मिला है| अगर आप गरीबी से पीछा छुड़ाना चाहते है तो एक बार यहाँ जरूर आये| वैसे इस गांव का नाता महाभारत काल से ही ज़ुरा हुआ है| कहा जाता है की जब पांडव स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो इसी गांव से होकर गए थे| माणा गांव का पौराणिक नाम "मणिभद्र" है| यह माँ अलकनंदा और सरस्वती नदी का संगम है|

आइये जानते है माणा गांव से जुड़ी 5 रोचक बाते :

1.) सरस्वती नदी - माणा गांव में सरस्वती नदी एक खास आकर्षण का केंद्र है| यह नदी यही निकलती है और पाताल में समां जाती है लेकिन कुछ लोग का कहना है की प्रयागराज में यह नदी संगम में मिलती है पर यह काल्पनिक है| प्रयागराज में गंगा यमुना के संगम में सरस्वती नदी का भी मिलन होता है पर इससे किसी ने देखा नहीं है|

मान्यता है की जब पांडव स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो द्रोपदी सरस्वती नदी का ध्वनि सुनकर डर गयी थी| इस नदी का जल बिलकुल दूध के सामान दीखता है| कहते है इस नदी के जल ग्रहण करने से बुद्धि और विवेक बढ़ता है|

2.) भीम पूल - इस गांव में सरस्वती नदी पर एक पूल है जिसका नाम "भीम पूल" है| ऐसा मान्यता है की जब पांचो भाई पांडव स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो उन्होंने आगे जाने के लिए सरस्वती नदी से रास्ता माँगा था| इस पर सरस्वती नदी ने मन कर दिया जिसके बाद भीम ने दो बड़ी शिलायें उठाकर नदी के ऊपर रख दी| कहते है की पांडव इसी पूल से होकर स्वर्ग की ओर गए थे| यही आज भीम पूल के नाम से जाना जाता है|

3.) गणेश गुफा - माँ पार्वती और भगवान् शंकर के पुत्र गणेश जी ज्ञान और बुद्धि के देवता माने जाते है| इसलिए जब कोई नया काम शुरू किया जाता है तो सबसे पहले भगवान् गणेश जी का आह्वान किया जाता है|

जब वेदव्यास जी महाभारत की रचना कर रहे थे तो इस कार्य को करने के लिए गणेश जी स्मरण किया और इस बात के लिए तैयार किया की महाभारत आप अपने हाथ से लिखे| गणेश जी ने एक छोटी सी गुफा में बैठकर पूरी महाभारत को वेदव्यास जी कहने पर लिखा था जो आज गणेश गुफा के नाम से जाना जाता है| कहा जाता है की जब गणेश जी जब अपना कार्य पूरा कर रहे थे तो सरस्वती नदी को अपना ध्वनि काम करने को कहा लेकिन सरस्वती जी के नहीं रुकने पर भगवान् गणेश ने उन्हें श्राप दे दिया की आज के बाद यहाँ से आगे किसी को नहीं दिखोगी| जिससे आज भी सरस्वती नदी सिर्फ बद्रीनाथ में ही निकलती है और वहीं पाताल में समा जाती हैं|

4.) व्यास गुफा - कहा जाता है की माणा में स्तिथ व्यास गुफा में ही महर्षि वेदव्यास जी ने सभी वेदों , पुराणों और महाभारत की रचना की थी और गणेश जी उनके लेकख बने| आज भी उस गुफा को देखने से लगता है की वहा बहुत सारे ग्रन्थ रखे हुए है| मान्यता है की वेदव्यास जी इसी गुफा में रहते थे| वर्तमान में इस गुफा में व्यास जी का मंदिर बना दिया है|

5.) वासुधारा - माणा गांव से 5 किलोमीटर स्तिथ यह झरना एक रहस्य से कम नहीं है| यह झरना करीब 400 फिट की ऊंचाई से गिरता है और इसकी जलधारा गिरते समय मोतियों की तरह दिखाई देती है| यहाँ आकर पर्यटकों को स्वर्ग के सामान सामान अनुभूति होती है| मान्यता है की यह जलधारा पापियों पर नहीं गिरता है|

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